ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी हड्डियों से जुड़ी बीमारी है जो उम्र बढ़ने के साथ आमतौर पर देखी जाती है। इसमें हड्डियों की घनत्व (बोन डेंसिटी) धीरे-धीरे कम हो जाती है, जिससे हड्डियाँ कमजोर और भुरभुरी बन जाती हैं। इस कारण व्यक्ति को गिरने और फ्रैक्चर (हड्डी टूटने) का खतरा बढ़ जाता है। यह तब होता है जब शरीर से कैल्शियम जैसे खनिज तेज़ी से निकलते हैं और उनकी भरपाई उतनी जल्दी नहीं हो पाती। हमारी हड्डियाँ जीवित ऊतक होती हैं जो लगातार बनती और टूटती रहती हैं। उम्र बढ़ने पर नई हड्डी बनने की गति धीमी हो जाती है और पुरानी हड्डी तेजी से टूटती है, जिससे हड्डियाँ पतली और कमजोर हो जाती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस के प्रकार
ऑस्टियोपोरोसिस को दो भागों में बाँटा जाता है — प्राथमिक (Primary) और द्वितीयक (Secondary) ऑस्टियोपोरोसिस।
1. प्राथमिक ऑस्टियोपोरोसिस
यह प्रकार उम्र बढ़ने और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। महिलाओं में लगभग 50 वर्ष की आयु के बाद और पुरुषों में 60 वर्ष के बाद यह समस्या अधिक दिखाई देती है। इस समय शरीर में एस्ट्रोजन (महिलाओं में) और टेस्टोस्टेरोन (पुरुषों में) हार्मोन का स्तर घटने लगता है। ये हार्मोन हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं। जब इनका स्तर कम होता है तो हड्डी टूटने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और नई हड्डी बनने की गति कम हो जाती है। धीरे-धीरे हड्डियाँ कमजोर और पतली हो जाती हैं। महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद यह खतरा और बढ़ जाता है।
2. द्वितीयक ऑस्टियोपोरोसिस
यह प्रकार किसी अन्य बीमारी या दवा के असर से होता है। जैसे — लंबे समय से चल रही किडनी की बीमारी, दिल की बीमारी के इलाज में दी जाने वाली दवाएँ, या कैंसर के इलाज में की जाने वाली कीमोथेरेपी आदि। इन कारणों से हड्डियों की गुणवत्ता प्रभावित होती है और वे आसानी से टूट सकती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियाँ क्यों टूटती हैं?
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियाँ पतली और कमजोर होती जाती हैं। इस कारण थोड़ा-सा गिरना भी फ्रैक्चर का कारण बन सकता है। वृद्ध लोगों में संतुलन और मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है, जिससे गिरने का खतरा बढ़ जाता है। सबसे आम फ्रैक्चर हिप, रीढ़ की हड्डी, कलाई और कंधे की हड्डियों में होते हैं।
गिरने से कैसे बचें?
नियमित व्यायाम करना, जैसे वॉकिंग, योग या हल्का वजन उठाना, मांसपेशियों और संतुलन को मजबूत बनाता है। पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन D का सेवन करना हड्डियों के लिए बहुत लाभदायक है। डॉक्टर की सलाह पर ऐसी दवाएँ भी ली जा सकती हैं जो हड्डियों को टूटने से बचाने में मदद करती हैं।
निष्कर्ष
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, संतुलित आहार लेना और नियमित व्यायाम करना बहुत आवश्यक है। हड्डियों की मजबूती बढ़ाने के लिए पर्याप्त धूप लेना, दूध और हरी सब्जियाँ खाना फायदेमंद रहता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की देखभाल और भी ज़रूरी हो जाती है ताकि गिरने और फ्रैक्चर का खतरा कम किया जा सके।
महत्वपूर्ण सुझाव
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।
नोट – यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। धन्यवाद।
