एवस्कुलर नेक्रोसिस, जिसे ऑस्टियोनेक्रोसिस या इस्केमिक बोन नेक्रोसिस भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डी तक रक्त की आपूर्ति रुक जाती है। हड्डी जीवित ऊतक होती है और जब उसे पर्याप्त रक्त नहीं मिलता, तो वह धीरे-धीरे मरने लगती है। समय पर इलाज न मिलने पर हड्डी कमजोर होकर टूट या धंस सकती है। यह बीमारी अधिकतर कूल्हे (हिप जॉइंट) की गेंद के हिस्से में होती है, लेकिन कभी-कभी कंधे, टखने, कलाई या जबड़े की हड्डी को भी प्रभावित कर सकती है।
एवस्कुलर नेक्रोसिस के कारण
लगभग आधे मामलों में इसका कारण पता नहीं चलता। फिर भी कुछ आम कारण होते हैं – अधिक शराब का सेवन, स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग, धूम्रपान, किसी चोट या फ्रैक्चर के बाद रक्त प्रवाह का रुकना, ऑटोइम्यून बीमारियाँ, रेडिएशन थेरेपी और शरीर में चर्बी के जमाव से रक्त वाहिकाओं का बंद होना।
यह समस्या आमतौर पर 18 से 45 वर्ष की आयु के बीच देखने को मिलती है और पुरुषों में अधिक पाई जाती है। कई मामलों में दोनों तरफ के कूल्हे एक साथ प्रभावित होते हैं।
एवस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण
शुरुआती चरण में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते। लेकिन धीरे-धीरे दर्द शुरू होता है जो समय के साथ बढ़ जाता है। चलते समय लंगड़ापन आ सकता है और कूल्हे की हरकतें सीमित हो जाती हैं। दर्द इतना ज्यादा हो सकता है कि व्यक्ति काम पर जाने या उठने-बैठने में भी परेशानी महसूस करता है। प्रभावित हिस्सा अकड़ जाता है और अंत में गठिया (आर्थराइटिस) जैसी स्थिति बनने लगती है।
एवस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज
अगर रोग शुरुआती अवस्था में पहचाना जाए, तो दवाओं, आराम, कैल्शियम, विटामिन D और हड्डियों को मजबूत करने वाली दवाओं (बिसफॉस्फोनेट्स) से इलाज किया जा सकता है। कई बार बैसाखी का सहारा लेकर वजन कम डालने की सलाह दी जाती है।
अगर इससे राहत न मिले, तो “कोर डिकंप्रेशन सर्जरी” की जाती है। इसमें प्रभावित हड्डी में छोटे छेद किए जाते हैं, जिससे दबाव कम होकर नई रक्त वाहिकाएँ बनने लगती हैं और हड्डी का पुनर्निर्माण होता है।
जब हड्डी का ऊपरी हिस्सा (हेड) पूरी तरह खराब हो जाता है, तब “हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी” की जाती है। आधुनिक तकनीक से किए गए हिप रिप्लेसमेंट में कम चीरा लगता है और सिरेमिक जैसे टिकाऊ मटेरियल का उपयोग किया जाता है। इससे मरीज जल्दी चलने-फिरने लगता है और सामान्य जीवन में वापस लौट पाता है।
निष्कर्ष
एवस्कुलर नेक्रोसिस एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य स्थिति है। इसका समय पर पता लगना और सही उपचार शुरू करना बेहद ज़रूरी है। शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और दर्द या चलने में परेशानी महसूस होते ही विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें। सही निदान और इलाज से व्यक्ति फिर से सक्रिय जीवन जी सकता है।
महत्वपूर्ण सलाह
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।
नोट – यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। धन्यवाद।
