महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ घुटनों, कोहनी, कूल्हों या अन्य जोड़ों में दर्द होना आम बात है। कई लोग इसे बढ़ती उम्र या कमजोर हड्डियों का परिणाम मानते हैं, जो सही भी है। लेकिन एक बड़ा कारण मेनोपॉज़ भी है। इस दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव हड्डियों और जोड़ों पर असर डालते हैं, जिससे दर्द और जकड़न महसूस होती है।
मेनोपॉज़ में क्यों होता है जोड़ों का दर्द?
मेनोपॉज़ या उसके पहले के समय को पेरिमेनोपॉज़ कहा जाता है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है। यह हार्मोन हड्डियों की मजबूती और जोड़ों के लुब्रिकेशन में मदद करता है। जब इसकी मात्रा घटती है, तो जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न बढ़ सकती है।
अक्सर महिलाएं सुबह के समय ज्यादा दर्द महसूस करती हैं, जो दिन बढ़ने के साथ थोड़ा कम हो जाता है। घुटने, कूल्हे, हाथ और उंगलियों के जोड़ों में यह दर्द ज्यादा होता है। अगर वजन अधिक है, तो जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे तकलीफ और बढ़ जाती है।
हड्डियों पर असर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
मेनोपॉज़ के बाद हड्डियों का घनत्व धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है। इस स्थिति में हड्डियाँ कमजोर और नाज़ुक हो जाती हैं। शुरुआती दौर में यही हड्डियों की कमजोरी जोड़ों के दर्द के रूप में महसूस होती है।
लाइफस्टाइल और खान-पान का महत्व
जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए जीवनशैली में कुछ साधारण बदलाव मददगार हो सकते हैं:
- वजन नियंत्रित रखें: ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव डालता है।
- संतुलित आहार लें: ताज़ी सब्जियाँ, फल और हरी पत्तेदार सब्जियाँ शरीर में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले तत्व बढ़ाती हैं।
- ओमेगा-3 युक्त भोजन: मछली या अलसी जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड जोड़ों की सूजन कम करते हैं।
- कैल्शियम और विटामिन D: यह दोनों तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और हड्डियों की घनता बनाए रखने में मदद करते हैं।
- मैग्नीशियम: यह मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और दर्द कम करने में मदद कर सकता है।
- हल्की एक्सरसाइज: नियमित पैदल चलना, योग या एरोबिक्स जोड़ों को लचीला बनाए रखता है और सूजन घटाने में सहायक होता है।
कब डॉक्टर से सलाह लें
यदि जोड़ों का दर्द इतना बढ़ जाए कि रोजमर्रा के काम प्रभावित हों, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। सही जांच और उपचार से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल बदलाव हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही वजन बनाए रखने से इस दर्द को कम किया जा सकता है। समय पर ध्यान देने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्या से भी बचाव संभव है।
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।
नोट – यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। धन्यवाद।
