आज के समय में युवाओं में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। कमर दर्द, जोड़ों में अकड़न, थकान और पीठ में खिंचाव जैसी परेशानियां अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं। इसकी कई वजहें हैं—अनुवांशिक कारण, असंतुलित आहार, निष्क्रिय जीवनशैली और व्यायाम की कमी। हड्डियों को मजबूत बनाए रखना हर उम्र में जरूरी है, विशेष रूप से उस समय जब शरीर अपनी पूरी क्षमता पर होता है, यानी 30 की उम्र के आसपास।
असंतुलित आहार का प्रभाव
हड्डियों के लिए कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन डी बेहद ज़रूरी हैं। प्रोटीन, साबुत अनाज, फल और हरी सब्जियां मांसपेशियों और हड्डियों को ताकत देते हैं। लेकिन आज के युवा फास्ट फूड, मीठे पेय और तले-भुने खाने की ओर ज्यादा आकर्षित हैं, जिसमें ज़रूरी पोषक तत्व नहीं होते। इससे मोटापा, हृदय संबंधी रोग और हड्डियों की कमजोरी हो सकती है। जब शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता, तो वह हड्डियों से यह तत्व खींच लेता है, जिससे दर्द और कमजोरी होती है।
निष्क्रिय जीवनशैली की भूमिका
कोविड के समय से घर से काम करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने से पीठ, गर्दन और कंधों पर असर पड़ता है। बहुत से लोग बेड या सोफे पर बैठकर काम करते हैं, जिससे शरीर का पोस्चर बिगड़ता है। कुर्सी पर सीधे बैठना और हर घंटे कुछ मिनट के लिए उठकर शरीर को स्ट्रेच करना मांसपेशियों को राहत देता है।
व्यायाम की कमी
सिर्फ सही मुद्रा ही नहीं, बल्कि नियमित व्यायाम भी जरूरी है। पीठ की हड्डी को सहारा देने के लिए पेट और पीठ की मांसपेशियों का मजबूत होना ज़रूरी है। वेट लिफ्टिंग, चलना, साइकिल चलाना और तैराकी जैसे हल्के-फुल्के व्यायाम दर्द से राहत दिला सकते हैं। 30 की उम्र में रोज़ाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम हड्डियों की मजबूती के लिए लाभकारी है।
इस उम्र में हड्डियों का ध्यान कैसे रखें?
30 की उम्र में हड्डियां अपनी अधिकतम ताकत पर होती हैं। ऐसे में रोजाना 1000 मि.ग्रा. कैल्शियम और चार दिन या अधिक हफ्ते में वजन वाले व्यायाम करने से हड्डियों की ताकत बनी रहती है। दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि पीठ दर्द किसी अचानक उठाने, घूमने या व्यायाम करने के कारण हुआ है, तो आमतौर पर 72 घंटे में आराम, बर्फ से सिकाई और देखभाल से आराम मिल जाता है। लेकिन अगर दर्द लगातार बना रहता है या बढ़ता जा रहा है, तो विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी हो जाती है। समय पर जांच और इलाज हड्डियों को दीर्घकालिक नुकसान से बचा सकता है।
निष्कर्ष
30 की उम्र में हड्डियों की देखभाल को नज़रअंदाज़ करना आगे चलकर गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, सही जीवनशैली और शरीर को सक्रिय बनाए रखना आवश्यक है। कैल्शियम और विटामिन डी की पूर्ति और पोस्चर का ध्यान रखना युवाओं को लंबे समय तक हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
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