गठिया एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न पैदा करती है। इसके कई प्रकार होते हैं और हर व्यक्ति पर इसका असर अलग-अलग हो सकता है। सही समय पर जानकारी और उपचार से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गठिया का आपके जीवन पर प्रभाव
गठिया का असर इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का गठिया है और कितने समय से है। कई लोगों को रोज़मर्रा के काम जैसे चलना, बैठना, लिखना या सीढ़ियाँ चढ़ना कठिन लगने लगता है। दर्द, थकान और सुबह के समय जोड़ों में जकड़न आम समस्याएँ हैं।
सूजन वाले गठिया में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। कुछ दवाएँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकती हैं, जिससे फ्लू जैसे संक्रमण जल्दी और गंभीर रूप में हो सकते हैं। इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
जीवनशैली में बदलाव
गठिया होने पर जीवनशैली पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। संतुलित और पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। अधिक वजन होने से घुटनों और कूल्हों जैसे जोड़ों पर दबाव बढ़ता है। भोजन में ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ शामिल करना लाभकारी हो सकता है। लाल मांस, बहुत मीठे खाद्य पदार्थ और शराब का सेवन कम करना चाहिए।
गठिया का निदान कैसे होता है
गठिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों, प्रभावित जोड़ों और जांच रिपोर्ट को देखते हैं। खून की जांच, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन, जोड़ों के तरल की जांच या मूत्र जांच की जा सकती है। कई बार सही निदान के लिए डॉक्टर से एक से अधिक बार मिलना पड़ता है ताकि अन्य बीमारियों को बाहर किया जा सके।
जल्दी पहचान क्यों जरूरी है
अगर गठिया का पता समय पर लग जाए तो जोड़ों को होने वाले स्थायी नुकसान से बचा जा सकता है। देर से इलाज शुरू होने पर चलने-फिरने में परेशानी और स्थायी विकलांगता का खतरा बढ़ सकता है।
गठिया के उपचार के तरीके
गठिया का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है। इसमें दवाएँ, फिजियोथेरेपी, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और सहायक उपकरण शामिल हो सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
दवाएँ
दर्द और सूजन कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएँ, एनएसएआईडी और स्टेरॉइड दिए जाते हैं। सूजन को नियंत्रित करने वाली विशेष दवाएँ भी उपयोग में लाई जाती हैं, खासकर रूमेटॉइड गठिया में।
फिजिकल थेरेपी
गर्म पानी में किए जाने वाले व्यायाम, फिजियोथेरेपी और रोज़मर्रा के कामों को सही तरीके से करने की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि जोड़ों पर कम दबाव पड़े।
सर्जरी
जब अन्य उपाय काम न करें और जोड़ों की स्थिति बहुत खराब हो जाए, तब सर्जरी की सलाह दी जाती है। इसमें जोड़ों को बदलना या उन्हें स्थिर करना शामिल हो सकता है।
क्या गठिया से बचाव संभव है
कुछ प्रकार के गठिया आनुवंशिक होते हैं, जिनसे पूरी तरह बचाव संभव नहीं है। चोट से होने वाले गठिया को सुरक्षा नियमों का पालन करके रोका जा सकता है। संक्रमण से जुड़े गठिया से बचने के लिए संक्रमण से बचाव जरूरी है।
निष्कर्ष
गठिया पूरी तरह ठीक होने वाली बीमारी नहीं है, लेकिन सही जानकारी, समय पर इलाज और नियमित देखभाल से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। आज उपलब्ध उपचार और स्व-प्रबंधन के तरीकों से लोग सक्रिय और बेहतर जीवन जी सकते हैं।
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।
नोट – यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। धन्यवाद।
