कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें कलाई के भीतर मौजूद median nerve पर दबाव पड़ जाता है। कलाई के भीतर एक छोटा सा मार्ग होता है जिसे कार्पल टनल कहा जाता है। इसमें हड्डियाँ, लिगामेंट और नसें होती हैं। जब यह नस दब जाती है, तो हाथ और उंगलियों में दर्द, सुन्नपन और कमजोरी महसूस होने लगती है।
यह समस्या आज की जीवनशैली में ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि लंबे समय तक बैठकर काम करना, हाथों का बार-बार एक ही तरह से उपयोग करना और कलाई पर ज़्यादा तनाव डालना इस स्थिति को बढ़ा सकता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के आम लक्षण
- कलाई और हाथ में झुनझुनी या “सुन्न पड़ने” जैसा एहसास
- अंगूठे और पास की दो उंगलियों में कमजोरी
- वस्तुएं पकड़ने में कठिनाई
- हाथों में ऐसा महसूस होना जैसे उंगलियाँ सूज गई हों, जबकि असल में सूजन न हो
- रात या सुबह के समय दर्द और असहजता बढ़ जाना
ये लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ सकते हैं यदि सही देखभाल न की जाए।
कारण क्या हो सकते हैं?
कार्पल टनल सिंड्रोम का एक ही कारण तय करना आसान नहीं है। कई स्थितियाँ इस समस्या के होने की संभावना बढ़ा सकती हैं। कुछ लोग स्वभाविक रूप से इस समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
कुछ बीमारियाँ, जैसे डायबिटीज, थायरॉइड समस्याएँ, आर्थराइटिस आदि भी नसों को प्रभावित कर सकती हैं। लंबे समय तक हाथों का दोहराव वाला उपयोग, जैसे असेंबली लाइन का काम या लगातार कलाई पर दबाव डालने वाले कार्य भी इस स्थिति में भूमिका निभा सकते हैं। कंप्यूटर पर लंबे समय तक टाइपिंग करना भी कुछ व्यक्तियों में समस्या को बढ़ा सकता है।
उपचार के तरीके
शुरुआती चरण में आराम देना सबसे प्रभावी तरीका होता है। हाथ और कलाई को स्थिर रखने के लिए स्प्लिंट या ब्रेस का उपयोग किया जाता है। दर्द और सूजन कम करने के लिए कुछ लोग ठंडे सेक या सामान्य दर्द-निवारक दवाओं का उपयोग करते हैं, लेकिन यह हमेशा विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
गंभीर मामलों में सूजन कम करने के लिए इंजेक्शन दिए जा सकते हैं। यदि समस्या लंबे समय तक राहत न दे, तो सर्जरी पर भी विचार किया जा सकता है।
लक्षण कम होने के बाद हाथों की मजबूती और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए हल्के-फुल्के व्यायाम सिखाए जाते हैं। साथ ही, रोज़मर्रा के काम सही तरीके से करने की सलाह दी जाती है ताकि समस्या दोबारा न लौटे।
निष्कर्ष
कार्पल टनल सिंड्रोम ऐसी स्थिति है जिसे समय पर पहचाना और संभाला जाए, तो लक्षणों से काफी राहत मिल सकती है। आराम, सही व्यायाम और उचित सलाह से हाथों की कार्यक्षमता को बनाए रखा जा सकता है। यदि लक्षण बढ़ रहे हों या लगातार महसूस हों, तो समय पर जांच और उपचार करवाना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण सलाह
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।
नोट – यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। धन्यवाद।
